Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में जलाने वाले हैं अंखड ज्योति तो… जान लें सही नियम

हिंदू धर्म में चैत्र और शारदीय नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पहले चैत्र नवरात्रि आती है. चैत्र नवरात्रि से हिंदूओं का नया साल शुरू हो जाता है. चैत्र माह का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. क्योंकि इसी माह में ब्रह्मा जी से संसार की रचना प्रांरभ की थी. चैत्र नवरात्रि के नौ दिन भक्त आदि शक्ति माता दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा और व्रत करते हैं. मान्यता है जो लोग नवरात्रि में व्रत और पूजन करते हैं माता उनके सभी दुख दूर कर देती हैं.
नवरात्रि में अंखड ज्योति जलाने के नियम
पंचांग के अनुसार, इस साल नवरात्रि 30 मार्च को शुरू होगी. वहीं इसका समापन 6 अप्रैल को होगा. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है. वहीं नवरात्रि के नौ दिन लोग माता के सामने अंखड ज्योति जलाते हैं. नवरात्रि की पूजा अखंड ज्योति के बिना अधूरी मानी जाती है. वास्तु में अखंड ज्योति जलाने को लेकर नियम बताए गए हैं. अखंड ज्योति जलाते समय कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में आइए जान लेते हैं अखंड ज्योति जलाने से जुड़े नियमों के बारे में.
दिशा का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण यानी पूर्व-दक्षिण दिशा में अखंड ज्योति जलाकर रखें. साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के समय ज्योति का मुख पूर्व या उत्तर की तरफ हो. ध्यान रखें कि नवरात्रि में मां की अखंड ज्योति की लौ ऊपर की और उठे.
इन बातों का रखें ध्यान
जो अखंड ज्योति आपने जलाई है ध्यान रखें कि वो 9 दिनों तक जलनी चाहिए. अखंड ज्योति नौ दिनों तक बुझनी नहीं चाहिए. अगर गलती से ज्योति बुझ जाती है, तो माता रानी से क्षमा मांगे. फिर उसे दोबारा प्रज्जवलित कर लें. अगर आप घी वाली अंखड ज्योति जलाते हैं, तो उसे दाहिनी ओर रखें. वहीं अगर तेल वाली अखंड ज्योति तो उसे बाईं तरफ रखें.
अखंड ज्योति जलाने के लाभ
मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में जिनके घर अखंड ज्योति जलती है उनके यहां स्वंय माता दुर्गा वास करती हैं. अखंड ज्योति जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.