Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना घेर लेंगी मुसीबतें!

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अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष माना गया है, जो कि पितरों को समर्पित मानी गई है. आषाढ़ माह में पड़ने वाली अमावस्या का खास महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना, गरीबों को दान करना और पितरों के निमित्त तर्पण करना बहुत लाभकारी माना गया है. इस साल आषाढ़ अमावस्या 25 जून को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या पर स्नान-दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. लेकिन अमावस्या के दिन कुछ गलतियों को करने से पितर अप्रसन्न भी हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि आषाढ़ अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए.

आषाढ़ अमावस्या के दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए?
Ashadh Amavasya Avoid These Mistakes On Ashadh Amavasya To Keep Ancestors  Blessings - Amar Ujala Hindi News Live - Ashadh Amavasya 2025:आषाढ़  अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम, पितृ हो

तामसिक भोजन

अमावस्या के दिन मांस, मछली, शराब और प्याज-लहसुन जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

बाल और नाखून

अमावस्या के दिन बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से अशुभ माना गया है.

तुलसी के पत्ते

अमावस्या के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे तुलसी माता अप्रसन्न होती हैं.

नया कार्य शुरू करना

आषाढ़ अमावस्या के दिन किसी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए.

पितरों के लिए गलत बातें

 अमावस्या के दिन पितरों के लिए गलत कहने से बचना चाहिए. इससे वे नाराज हो सकते हैं.

जानवरों को कष्ट

आषाढ़ अमावस्या के दिन किसी भी पशु या पक्षी को कष्ट नहीं देना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.

घर में लड़ाई-झगड़ा

अमावस्या के दिन घर में लड़ाई-झगड़ा करना, किसी का अपमान करना और गुस्सा करना भी नहीं चाहिए.

शुभ कार्य

 अमावस्या वाले दिन शादी-विवाह, मुंडन संस्कार, सगाई, गृह-प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी नहीं करने चाहिए.

Ashad Amavasya 2025: आषाढ़ी अमावस्या में जरूर करें ये उपाय | नोट करें तिथि  | Marg Darshan

आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?
आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र स्नान करना, पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करना, दान-पुण्य करना, भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करना शुभ माना जाता है. साथ ही, आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं जो कि इस प्रकार हैं- पितृ स्तोत्र का पाठ करना, गाय, कौवा, चींटियों और कुत्ते को भोजन कराना और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना आदि.

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