भटकते हुए पितरों को गति देने वाला दिन होता है इंदिरा एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि 

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आज यानि बुधवार को आश्विन कृष्ण एकादशी हैं जिसे इंदिरा एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं। पितृ पक्ष में पड़ने वाली इस एकादशी का बहुत महत्व माना जाता हैं जो कि भटकते हुए पितरों को गति देने का काम करती हैं। जिन पितरों को किन्हीं कारणों से यमराज का दंड भोगना पड़ता है, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह यमलोक की यात्रा पूरी कर स्वर्ग को प्रस्थान करते हैं। पितरों की आत्मा की शांति एवं उनके उद्धार के लिए यह एकादशी बहुत फलदायी मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा व भक्ति करके व्यक्ति भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करता है। इस कड़ी में हम आपको इंदिरा एकादशी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि की जानकारी लेकर आए हैं।

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इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त

इंदिरा एकादशी व्रत - 21 सितंबर 2022, बुधवार
इंदिरा एकादशी तिथि का प्रारंभ - मंगलवार, 20 सितंबर, 2022 को  रात 09:26 से
एकादशी तिथि का समापन - बुधवार, 21 सितंबर 2022 को रात 11:34 बजे
एकादशी पारण (व्रत तोड़ने) का समय - गुरुवार, 22 सितंबर 2022 को- सुबह 06:09 AM से 08:35 सुबह तक।

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इंदिरा एकादशी पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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