3 या 4 जून, कब है ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत? यहां दूर करें कंफ्यूजन
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत त्योहार हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है। साथ ही इस दिन उनके लिए व्रत भी किया जाता है। ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है और मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। ज्योतिष के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
भौम प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करना भी शुभ रहेगा। इस व्रत करने से व्यक्ति को कर्ज से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो भौम प्रदोष व्रत पर भद्रवास योग बनने के कारण इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा फल प्राप्त होता है। इस बार भौम प्रदोष व्रत की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई, ऐसे में आइए जानते हैं कि भौम प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा।
ज्येष्ठ भौम प्रदोष व्रत
ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 4 जून 2024, मंगलवार को पड़ रहा है। इस भौम प्रदोष व्रत में शाम को शिव और हनुमान जी की पूजा से सभी संकटों का नाश होता है। अगर आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है, जिससे विवाह में दिक्कतें आ रही हैं तो आप यह व्रत जरूर करें।
ज्येष्ठ भौम प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 जून 2024 प्रात: 12 बजकर 18 मिनट पर होगी। त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 4 जून 2024 रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। प्रदोष व्रत पर संध्याकाल और निशा काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इसलिए 04 जून को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
पूजा का मुहूर्त – 4 जून रात 07:16 – रात 09:18 तक
पूजा का समय – 2 घंटे 01 मिनट
भद्रावास योग
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार 4 जून को रात में 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगी और तभी से भद्रावास योग बन रहा है। भद्रावास योग पूरी रात तक रहेगा। भद्रावास में भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
भौम प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण 4 जून देर रात 10 बजकर 35 मिनट से हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 4 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस योग में शिव जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है।
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