24 अक्टूबर 2022 सोमवार का पञ्चाङ्ग और शुभ मुहूर्त

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॥ॐ श्रीगणेशाय नम:॥ 

॥श्रीसूर्यसिद्धान्तीय 🌞 काशीस्थ पञ्चाङ्ग॥

विक्रम सम्वत - २०७९ "नल संवत्सर"
शक सम्वत - १९४४

ऋतु  - शरद 
मास व पक्ष – कार्त्तिक कृष्णपक्ष 
वार    - सोमवार    
तिथि  - चतुर्दशी (१६:३३ बजे तक) 

नक्षत्र   - हस्त (१४:४८ बजे तक)  - (चन्द्रमा कन्या राशि में ०२:५६ बजे तक तदुपरान्त तुला राशि में) 

करण १   - शकुन (१६:३३ बजे तक)   
करण २   - चतुष्पद (०४:२१ बजे तक)
करण ३   - नाग (सूर्योदयपर्यन्त) 

योग    - वैधृति (१५:३३ बजे तक)     
सूर्योदय   - ०६:०३ बजे
सूर्यास्त   - १७:२० बजे
दिशाशूल    - पूर्व

विशेष : दीपावली पर्व आज, प्रदोष काल १७:२० बजे से १९:०१ बजे तक तथा स्थिर संज्ञक वृषभ लग्न १८:३८ - २०:३३ बजे तक स्थिर संज्ञक सिंह लग्न मध्य रात्रि ०१:०६ बजे से ०३:१९ बजे तक रहेगा|

अगले दिन २५ अक्टूबर भौमवती अमावस्या को खण्डसूर्यग्रहण है, जो सायंकाल १६:४२ बजे से १७:२२ बजे तक रहेगा| सूर्यग्रहण का सूतक १२ घंटे पूर्व ही लग जाता है अतः सूतक दीपावली की रात्रिशेष ०४:४२ बजे से ही लग जाएगा, इसलिए दीपावली पूजन के उपरान्त प्रसाद, भोज्यपदार्थ आदि में तुलसीदल, कुश आदि छोड़ दें और पूजन स्थल को परदे आदि से ढँक दें, क्योंकि सूतक में देवमूर्ति स्पर्श वर्जित होता है अतः दूसरे दिन (मंगलवार को) देवविग्रह का स्पर्श/पूजन आदि नहीं करना है| सभी को यथाशक्ति सूतक के नियमों का पालन करना चाहिए| ग्रहण का देखना, व्यर्थ की भागदौड़, भोजन, मलमूत्रादि का त्याग की वर्जना होती है| इन नियमों में बालक, वृद्ध, रोगी आदि को छूट रहती है| ग्रहण के दौरान ही सूर्यास्त हो जाएगा अतः सूतकनिवृत्ति अगले दिन बुधवार को सूर्योदय के पश्चात होगी    

ख्रिष्टीय वर्षानुसार दिनांक २४ अक्टूबर २०२२ ई०
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पंडित गोविंद चंद्र द्विवेदी 

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