उड़द की कीमतों में नरमी का दावा, बारिश से खरीफ के तहत बुवाई का रकबा बढ़ा
नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। केंद्र सरकार का दावा है कि उड़द की कीमतों में नरमी आने लगी है। बारिश से खरीफ के तहत बुवाई का रकबा भी बढ़ा है। सरकार ने कहा कि पिछले साल 3.67 लाख हेक्टेयर की तुलना में उड़द की बुवाई का रकबा इस खरीफ सीजन में 5.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि सरकार की कोशिशों के परिणामस्वरूप उड़द की कीमतों में कमी आई है। किसानों को अपनी उपज का पर्याप्त मूल्य मिलना सुनिश्चित हुआ है। मंत्रालय ने बताया कि 05 जुलाई, 2024 तक उड़द की बुवाई का रकबा इस खरीफ सीजन में 5.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.67 लाख हेक्टेयर था।
मंत्रालय ने कहा कि 90 दिनों में उपज देने वाली इस फसल से इस साल खरीफ के मौसम में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। अच्छी बारिश होने की उम्मीद बढ़ने से किसानों का मनोबल भी बढ़ा है। ऐसी संभावना है कि इसकी वजह से मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी उपज होगी। ये उपाय किसानों और उपभोक्ताओं दोनों का ध्यान रखते हुए बाजार की गतिशीलता को संतुलित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को बताते हैं।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) ने उड़द उगाने वाले किसानों का पूर्व-पंजीकरण शुरू कर दिया है। नैफेड और एनसीसीएफ की ओर से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीद का काम प्रगति पर है। इसके परिणामस्वरूप 06 जुलाई, 2024 तक इंदौर और नई दिल्ली के बाजारों में उड़द की थोक कीमतों में क्रमशः 3.12 फीसदी और 1.08 फीसदी की हफ्ते-दर-हफ्ते गिरावट आई है। घरेलू कीमतों के अनुरूप आयातित उड़द के दाम में भी गिरावट का रुख है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर / दधिबल यादव
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