टाटा समूह का मार्केट कैप पाकिस्तान की जीडीपी से आगे निकला

टाटा समूह का मार्केट कैप पाकिस्तान की जीडीपी से आगे निकला
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टाटा समूह का मार्केट कैप पाकिस्तान की जीडीपी से आगे निकला


- टाटा समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 365 अरब डॉलर के पार

- आईएमएफ के अनुसार पाकिस्तान की जीडीपी करीब 341 अरब डॉलर

नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। देश के दिग्गज कारोबारी समूह टाटा का मार्केट कैप पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से आगे निकल गया है। समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 365 अरब डॉलर (30 लाख करोड़ रुपये) से अधिक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान के अनुसार आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंसे पाकिस्तान की जीडीपी लगभग 341 अरब डॉलर ही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक नमक से लेकर हवाई जहाज तक का कारोबार संभालने वाली टाटा समूह की कंपनियों के शेयर में हाल के दिनों में जबरदस्त आई तेजी आने से निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिले हैं। समूह के संयुक्त मार्केट कैप में भी उछाल आया है। टाटा समूह की सभी सूचीबद्ध कारोबारों में आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) बाजार पूंजीकरण करीब 15 लाख करोड़ रुपये (170 अरब डॉलर) है, जो पाकिस्तान की जीडीपी का आधा हिस्सा के बराबर है।

टाटा समूह की कंपनियां पिछले एक वर्ष में निवेशकों को मालामाल कर दिया है। समूह की परिधान कंपनी टाटा ट्रेंट ने बीते एक साल में 195 फीसदी, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने 153 फीसदी, टाटा मोटर्स ने 113 फीसदी, टाटा पावर ने 83 फीसदी, इंडियन होटल्स ने 67 फीसदी, टाटा कंज्यूमर ने 57 फीसदी, टाटा कम्यूकेशंस ने 43 फीसदी, टाइटन ने 45 फीसदी, टीसीएस ने 16 फीसदी, टाटा स्टील ने 27 फीसदी, टाटा इलेक्सी ने 12 फीसदी, वोल्टास ने 24 फभ्सदी और टाटा टेलीसर्विसेज ने 36 फीसदी का रिटर्न दिया है।

इसके अलावा टाटा समूह की कई ऐसी बड़ी कंपनियां है, जो मौजूदा समय में शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं है। इसमें समूह की होल्डिंग कंपनी- टाटा संस, टाटा कैपिटल, टाटा प्ले, टाटा एडवांस सिस्टम, एयर इंडिया और विस्तारा एवं कई अन्य कंपनियों का नाम इस सूची में है। वहीं, इसमें से कई कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने की योजना टाटा समूह कर रही है।

उल्लेखनीय है कि भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर की है, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के आकार से लगभग 11 गुना बड़ी है। वहीं, वित्त वर्ष 2028 तक भारत का लक्ष्य दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत

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