थोक उपभोक्ताओं को गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को करेगा एफसीआई
- एफसीआई ने 02 फरवरी को की 23 राज्यों को करीब 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री
नई दिल्ली, 04 फरवरी (हि.स.)। खुले बाजार में बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को आयोजित करेगा। उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ई-नीलामी के जरिए गेहूं की दूसरी बिक्री देशभर में 15 फरवरी को आयोजित की गई है। इससे पहले ई-नीलामी के जरिए गेहूं की पहली बिक्री एक और दो फरवरी को हुई थी। इस दौरान 23 राज्यों में एफसीआई के डिपो से करीब 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई। मंत्रालय ने प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए गेहूं को बेचने की योजना बनाई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक दो फरवरी को बाजार में गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 33.47 रुपये प्रति किलोग्राम था। वहीं, गेहूं के आटे की कीमत 38.1 रुपये प्रति किलो थी।
मंत्रालय ने कहा कि एफसीआई ने पहली ई-नीलामी के सभी विजेता बोलीदाताओं को निर्देश दिया है कि वे लागत को कम करें और देशभर के संबंधित डिपो से तुरंत स्टॉक उठा लें, ताकि गेहूं की कीमतों को काबू में लाने के लिए इसे संबंधित बाजारों में उपलब्ध कराया जा सके। दरअसल ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं को उठाने और आटा बाजार में उपलब्ध कराने के बाद गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में और गिरावट आना तय है।
सरकार ने देश में गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ इसकी ई-नीलामी की जा रही है। एफसीआई के जरिए पिछले महीने ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना का ऐलान किया गया था। इस 30 लाख टन गेहूं में से एफसीआई 25 लाख टन आटा ई-नीलामी के माध्यम से चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को और 2 लाख टन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बेचेगी।
इसके साथ ही लगभग तीन लाख टन गेहूं ई-नीलामी के बिना राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड संघों, सहकारी समितियों और संघों को 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर दिया जाएगा, ताकि गेहूं को आटे में परिवर्तित किया जा सके और इसे 29.50 रुपये प्रति किलो के अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) पर जनता को दिया जा सके। ओएमएसएस नीति के तहत एफसीआई थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचती है, ताकि मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाये रखने के साथ खुले बाजार में इसकी कीमतों को कम किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि देश में गेहूं का उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले फसल वर्ष के मुकाबले 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था। गेहूं के उत्पादन में कमी कुछ उत्पादक राज्यों में अचानक से गर्मी बढ़ने और लू चलने की वजह से हुई। पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन के गेहूं की खरीद के मुकाबले इस साल गेहूं की खरीद तेज गिरावट के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई। चालू रबी सीजन (सर्दियों में बोई जाने वाली) गेहूं की फसल का रकबा इस बार थोड़ा ज्यादा है। नई गेहूं की फसल की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर
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