सेबी की गवर्निंग बॉडी की बैठक आज, इंडेक्स डेरिवेटिव फ्रेमवर्क समेत कई बदलाव पर हो सकती है चर्चा

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सेबी की गवर्निंग बॉडी की बैठक आज, इंडेक्स डेरिवेटिव फ्रेमवर्क समेत कई बदलाव पर हो सकती है चर्चा


- माधवी पुरी बुच पर लगे आरोपों पर भी आज हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों की सोमवार को होने वाली बैठक पर बाजार की नजरें टिकी रहने वाली है। माना जा रहा है कि आज की बैठक में मार्केट के सभी स्टेकहोल्डर्स और मेडिएटर्स से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।

जानकारों का कहना है कि आज जो निर्णय लिए जा सकते हैं, उनमें इंडेक्स डेरिवेटिव्स ढांचे को मजबूत करने से जुड़ा निर्णय भी हो सकता है। इसी तरह फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) के एक्सपायरी के नियम और इनसाइडर ट्रेडिंग के नियम में बदलाव करने पर भी बात हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा होने की है। कहा जा रहा है कि आज की बैठक में गर्वनिंग बॉडी अमेरिकी शॉर्ट सेलर एजेंसी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा चेयरपर्सन माधवी पुरी पर लगाए गए आरोपों और कांग्रेस पार्टी की ओर से कई किस्तों में लगाए गए आरोपों पर भी आज चर्चा कर सकती है। बताया जा रहा है कि अगर माधवी पुरी पर लगाए गए आरोपों पर चर्चा हुई, तो उस वक्त चेयरपर्सन खुद बैठक से बाहर हो जाएंगी, ताकि गवर्निंग बॉडी के अन्य सदस्य खुलकर इस विषय पर चर्चा कर सकें।

मार्केट के स्टेक होल्डर्स से जुड़े नियमों के बारे में बताया जा रहा है कि एक बार नए नियम लागू हो जाने के बाद इनका सिक्योरिटी मार्केट पर काफी असर पड़ सकता है। खासकर इन नियमों के कारण सट्टेबाजी जैसी ट्रेडिंग पर रोक लगा सकेगी, जो इंडेक्स डेरिवेटिव्स कांट्रैक्ट्स के डेली एक्सपायरी के साथ शुरू हुआ था।

इसके पहले 30 जुलाई को सेबी ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी करके इन नियमों की प्रस्तावित रूपरेखा पेश की थी, जिसके तहत डेरिवेटिव्स कांट्रैक्ट्स की केवल वीकली एक्सपायरी होने की बात कही गई थी। इसके साथ ही न्यूनतम कॉन्ट्रैक्ट मूल्य को लांचिंग के समय 15 से 20 लाख रुपये रखने और बाद में इसे बढ़ा कर 20 से 30 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भी किया गया था, ताकि खुदरा निवेशकों को इसके प्रति हतोत्साहित किया जा सके। ऐसा करने के पीछे कारण बताया गया था की खुदरा निवेशकों को इन सौदों में ज्यादातर नुकसान का सामना करना पड़ता है। सेबी की ही रिपोर्ट में कुछ दिन पहले बताया जा चुका है कि ऐसे सौदों में 93 प्रतिशत खुदरा निवेशक घाटे का सामना करते हैं। यही कारण है कि मार्केट रेगुलेटर खुदरा निवेशकों को ऐसे सौदों से दूर रखने की बात पर विचार कर रहा है। सेबी के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक स्ट्राइक रेट को भी तर्कसंगत बनाने पर आज गवर्निंग बॉडी की बैठक में चर्चा की जा सकती है।

जानकारों के मुताबिक आज की बैठक में परफॉर्मेंस वैलिडेशन एजेंसी की शुरुआत जैसे एक और गेम चेंजिंग सुधार पर बाजार की नज़रें टिकी रहने वाली है। दरअसल, रिसर्च एनालिस्ट्स, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और रेगुलेटेड एल्गो प्रोवाइडर्स समेत तमाम मेडिएटर्स के परफॉर्मेंस के दावों को प्रमाणित करने वाली एक वैलिडेशन एजेंसी की स्थापना के संबंध में सेबी पिछले साल ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी कर चुका है।

अगस्त के महीने में फिक्की के एक कार्यक्रम में सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा था कि ऐसी वैलिडेशन एजेंसी जल्दी ही स्थापित की जाएगी। हालांकि ऐसी कोई एजेंसी की स्थापना करने में कई तकनीकी दिक्कतें भी हैं। इसके बावजूद रिसर्च एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और एल्गो ट्रेडर्स की नजरें आज की बोर्ड मीटिंग पर टिकी रहने वाली हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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