सेबी चेयरपर्सन ने बयान जारी करके दी सफाई, कहा- हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है

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सेबी चेयरपर्सन ने बयान जारी करके दी सफाई, कहा- हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है


सेबी चेयरपर्सन ने बयान जारी करके दी सफाई, कहा- हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है


- आईटीआर में मौजूद जानकारी से छेड़छाड़ कर बदनाम करने की हो रही कोशिश

नई दिल्ली, 13 सितंबर (हि.स.)। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर एक संयुक्त बयान जारी किया है। इस संयुक्त बयान के जरिये दी गई सफाई में कहा गया है कि हमारे इनकम टैक्स रिटर्न में मौजूद जानकारी से छेड़छाड़ करके हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

माधवी पुरी बुच और धवल बुच के इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि माधवी ने सेबी ज्वाइन करने के बाद अगोरा एडवाइजरी, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा ग्रुप, पिडीलाइट, डॉ रेड्डीज लेबोरेट्रीज, अलवरेज एंड मार्सल, सेंबकॉर्प, वी लीजिंग या आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी किसी भी फाइल में किसी भी स्तर पर दखल नहीं दिया है। बयान में कहा गया है कि इस तरह के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और दुर्भावना से प्रेरित हैं। तमाम तथ्यों और कंपनियों के बीच हुए संवाद से साफ है कि आरोप पूरी तरह से झूठ, दुर्भावना से प्रेरित और मानहानि के मकसद से लगाए गए हैं। रेंटल इनकम के आरोपों पर बुच दंपति ने कहा है कि प्रॉपर्टी को सामान्य तरीके से लीज पर दिया गया था। बाद में पता चला कि प्रॉपर्टी लीज पर लेने वाला वॉकहार्ट का सहयोगी है, जिसकी जांच हो रही थी। बयान में स्पष्ट किया गया है की माधवी पुरी बुच ने वॉकहार्ट से संबंधित किसी भी फाइल में दखल नहीं दिया है।

संयुक्त बयान में बुच दंपति ने आईसीआईसीआई बैंक में काम करने के दौरान कहीं और काम करने के आरोप को लेकर भी स्पष्ट किया है कि माधवी ने आईसीआईसीआई बैंक में काम करते समय अवैध तरीके से कहीं भी बाहर काम नहीं किया। 2011 में माधवी ने सिंगापुर जाने के लिए बैंक से लंबी छुट्टी ली थी, जहां उस वक्त उनके पति काम कर रहे थे। सिंगापुर प्रवास के दौरान उन्होंने बैंक की मंजूरी से वहां की प्राइवेट इक्विटी फर्म में काम करना शुरू किया। साल 2013 में जब ये बात तय हो गई कि वे सिंगापुर में ही रहेंगी, तो उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से रिटायरमेंट ले लिया।

बुच दंपति ने अपनी सफाई में कहा है कि इन आरोपों के लिए हमारे इनकम टैक्स रिटर्न को आधार बनाया गया है। दरअसल, फर्जी और अवैध तरीकों का इस्तेमाल कर हमारे इनकम टैक्स रिटर्न के बारे में जानकारी हासिल की गई। ये न सिर्फ हमारी निजता का हनन है, बल्कि इनकम टैक्स एक्ट का भी उल्लंघन है। माधवी पुरी बुच ने कहा है कि उनके खिलाफ जानबूझकर छोटी-छोटी किस्तों में आरोप लगाए जा रहे हैं, ताकि इस मामले को लंबे समय तक जिंदा रखा जा सके। बुच दंपति ने कहा है कि दुर्भावना से प्रेरित इन तमाम आरोपों की सच्चाई को बेनकाब करने में हम सफल रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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