(संशोधित) एससीओ देशों ने डीपीआई पर भारत का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकारा : अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली, 13 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय निकाय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों ने डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) को विकसित करने के लिए भारत के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। केंद्रीय आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एससीओ सदस्य देशों के साथ मंत्री स्तरीय बैठक के बाद यह जानकारी दी।
वैष्णव ने शनिवार को कहा कि एससीओ सदस्य देशों के डिजिटल मंत्रियों ने अपने-अपने यहां डिजिटल प्रौद्योगिकी लागू करने के लिए डीपीआई को लागू करने के भारत के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने यूपीआई स्वीकार्यता के लिए पहले से ही करीब दर्जनभर देशों के साथ करार किया है।
आईटी मंत्री ने बताया कि भीम यूपीआई क्यूआर इस समय सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, नेपाल और भूटान में स्वीकार किए जा चुके हैं। दरअसल भारत ने जनता तक आसानी से सेवाएं पहुंचाने के लिए यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), आधार जैसे डीपीआई को विकसित किया है। सरकार ने जी-20 अध्यक्षता में अपनी जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में बिना किसी शुल्क के विभिन्न देशों को प्रौद्योगिकी का लाभ देने की पेशकश करने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है।
वैष्णव ने कहा कि उम्मीद है कि भारतीय स्टार्टअप इससे लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि एससीओ में आठ सदस्य देश चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा 4 पर्यवेक्षक देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया जबकि छह वार्ता साझेदार अर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्किये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/प्रभात
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