ग्रामीणों की आमदनी में पांच साल में 57 फीसदी का हुआ इजाफा: नाबार्ड सर्वे
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की इनकम में लगातार वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार पिछले 5 वर्षों में ग्रामीण परिवारों की औसत मासिक आमदनी में 57.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, इस दौरान ग्रामीण परिवारों की खर्च के साथ कर्ज भी बढ़ा है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को नाबार्ड के 'अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (एनएएफआईएस) 2021-22' के जारी आंकड़ों में बताया है कि 2016-17 में गांव वालों की औसत मासिक आमदनी 8,059 रुपये थी, जो अब बढ़कर 12,698 रुपये हो गई है। ये वृद्धि 57.6 फीसदी को दर्शाती है, जो 9.5 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के बराबर है। नबार्ड का ये दूसरा एनएएफआईएस रिपोर्ट का निष्कर्ष एक लाख ग्रामीण परिवारों के सर्वेक्षण पर आधार पर आधारित है। इस सर्वेक्षण में सभी 28 राज्य, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश शामिल थे।
नाबार्ड ने अपने सर्वेक्षण में यह उल्लेख किया है कि ग्रामीण परिवारों की बचत में वृद्धि हुई है। 2021-22 में औसत घरेलू बचत 13,209 रुपये सालाना रही है, जबकि पांच साल पहले यह 9,104 रुपये रही थी। इस अवधि के दौरान 66 फीसदी परिवारों ने बचत की जो सूचना दी है, उसके मुताबिक 2016-17 में 50.6 फीसदी थी। यह दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और बचत की प्रवृत्ति में सुधार हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक हालांकि, बकाया ऋण वाले परिवारों का अनुपात भी बढ़ा है। पिछले पांच वर्षों में ये अनुपात 47.4 फीसदी से बढ़कर 52.0 फीसदी हो गया है।
नाबार्ड के सर्वेक्षण में ये पाया गया है कि ग्रामीण परिवारों में बीमा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2016-17 में कम से कम एक सदस्य का बीमा कराने वाले परिवारों का अनुपात 25.5 फीसदी था, जो 2021-22 में बढ़कर 80.3 फीसदी हो गया है। ये कोरोना महामारी (कोविड-19) के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की पहुंच में सुधार को दर्शाता है। आंकड़ों के मुताबिक एनएएफआईएस 2021-22 के परिणाम 2016-17 में पिछले सर्वेक्षण के बाद से ग्रामीण वित्तीय समावेशन में की गई उल्लेखनीय प्रगति को उजागर करते हैं।
इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण परिवारों ने आय, बचत, बीमा कवरेज और वित्तीय साक्षरता में उल्लेखनीय सुधार का अनुभव किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-यू), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) जैसी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं ने ग्रामीण आबादी के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।