सभी के लिए पेंशन राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए: पंकज चौधरी

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सभी के लिए पेंशन राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए: पंकज चौधरी


सभी के लिए पेंशन राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए: पंकज चौधरी


नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। पहला अंतरराष्‍ट्रीय पेंशन अनुसंधान सम्मेलन (आईआरसीपी) 2025 विश्व बैंक और विशेषज्ञों सहित वैश्विक प्रमुखों की भागीदारी के साथ शुक्रवार को नई दिल्ली में संपन्‍न हो गया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्‍त राज्‍यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सभी के लिए पेंशन एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए।

चौधरी ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत की जनसांख्यिकी बहुत तेजी से बदल रही है। वर्ष 2050 तक पांच में से एक भारतीय 60 वर्ष से अधिक आयु का होगा, जबकि 2047 तक बुज़ुर्गों की संख्या बच्चों की संख्‍या से ज्‍यादा हो जाएगी। अनुमान है कि सदी के मध्य तक 19 फीसदी आबादी बुज़ुर्ग होगी, जिनमें मुख्य रूप से महिलाएं होंगी। ऐसे में समावेशी पेंशन योजनाओं के जरिए वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना केवल एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि देश के लिए जरूरत है। 'सभी के लिए पेंशन' एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए, जिसके लिए हमारी वृद्ध हो रही आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत योजना की आवश्यकता है।

इस अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव नागराजू मद्दिराला ने कहा कि भारत की पेंशन व्‍यवस्‍था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है। एकीकृत पेंशन प्रणाली की शुरुआत तथा इसमें अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के प्रयासों के माध्यम से हम सुरक्षित सेवानिवृत्ति के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं। यूपीएस में सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में प्रदान करने का प्रावधान है। भारत की पेंशन परिसंपत्तियां, जो सकल घरेलू उत्पादन का लगभग 17 फीसदी है, ओईसीडी औसत से बहुत कम है, जहां वे आमतौर पर 80 फीसदी से अधिक होती हैं। यह सेवानिवृत्ति की तैयारी में एक बड़ी असमानता को दर्शाता है।

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरी है, जो लाखों लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देती है। इसमें 14.4 लाख करोड़ का संचित कोष और एनपीएस और एपीवाई के तहत 8.4 करोड़ ग्राहक हैं। जैसा कि हम प्रौद्योगिकी-आधारित पहलों और नए नीतिगत समाधानों को अपनाते हैं। हमारा ध्‍यान अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भावी पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर रहता है।

वित्‍त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि नई दिल्ली में आयोजित पहला आईआरसीपी 2025 कल संपन्न हो गया है। इसका उद्घाटन 3 अप्रैल को भारत मंडपम में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के सहयोग से किया था ताकि भारत की मजबूत वृद्धावस्था आय सुरक्षा की ऐतिहासिक यात्रा को महत्‍वपूर्ण बनाया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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