ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरएचपी दाखिल किया

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ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरएचपी दाखिल किया


ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरएचपी दाखिल किया


नई दिल्ली/मुंबई, 01 अप्रैल (हि.स.)। मुंबई स्थित लॉजिस्टिक फर्म ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल किया है। कंपनी का लक्ष्य इस इश्‍यू के जरिए 25 करोड़ रुपये जुटाना है। कंपनी के शेयर एनएसई और बीएसई दोनों स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर सूचीबद्ध होंगे।

पूंजी बाजार नियामक के समक्ष जमा दस्‍तावेज के मुताबिक ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड का 10 रुपये प्रत्‍येक अंकित मूल्य वाले इस आईपीओ में प्रमोटर सेलिंग शेयरहोल्डर द्वारा 7,250,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री के लिए 25 करोड़ रुपये के नए निर्गम को शामिल किया गया है। बिक्री के लिए प्रस्ताव में राहुल जगन्नाथ जोशी द्वारा 3,987,500 इक्विटी शेयर, हरमेश राहुल जोशी द्वारा 2,537,500 इक्विटी शेयर और कामेश राहुल जोशी द्वारा 725,000 इक्विटी शेयर शामिल हैं।

मुंबई स्थित लॉजिस्टिक फर्म की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक इस आईपीओ में ताजा निर्गम और बिक्री के लिए प्रस्ताव दोनों शामिल होंगे। ताजा निर्गम घटक के माध्यम से कंपनी का लक्ष्य 25 करोड़ रुपये जुटाना है। कंपनी का यह प्रस्ताव बुक-बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिए किया जा रहा है, जिसमें कम से कम 50 फीसदी प्रस्ताव योग्य संस्थागत खरीदारों को आनुपातिक आधार पर आवंटन के लिए उपलब्ध होगा, जबकि 15 फीसदी से ज्‍यादा प्रस्ताव गैर-संस्थागत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए भी उपलब्ध होगा। इसके अलावा खुदरा व्यक्तिगत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए प्रस्ताव का 35 फीसदी से कम उपलब्ध नहीं होगा। इस प्रस्ताव में पात्र कर्मचारियों द्वारा सदस्यता के लिए आरक्षण शामिल है।

मुंबई स्थित लॉजिस्टिक फर्म ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड इस इश्‍यू से प्राप्त 16.64 करोड़ रुपये तक के आय का उपयोग कंपनी की पूंजीगत व्यय जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी, जिसमें वाणिज्यिक वाहन और भारी उपकरण का अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य शामिल हैं।

उल्‍लेखनीय है कि ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स लिमिटेड एक तीसरी पीढ़ी की लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता कंपनी है, जिसकी वैश्विक उपस्थिति है। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थि‍त है। इसने 1995 में एक फ्रेट फॉरवर्डर्स और कस्टम्स क्लीयरेंस एजेंट के रूप में अपना परिचालन शुरू किया, जो एक पूर्ण पैमाने पर लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदाता के रूप में विकसित हो चुका है। ये कंपनी समुद्र, वायु, सड़क और रेल सहित परिवहन के कई साधनों में व्यापक एंड-टू-एंड सेवाएं प्रदान करती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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