स्टॉक मार्केट में ईपीडब्ल्यू इंडिया की मजबूत एंट्री, लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट

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स्टॉक मार्केट में ईपीडब्ल्यू इंडिया की मजबूत एंट्री, लिस्टिंग के बाद लगा अपर सर्किट


नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स.)। आईटी सेक्टर में रिफर्बिशिंग का काम करने वाली कंपनी ईपीडब्ल्यू इंडिया के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूत एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 97 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 14.43 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 111 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद हुई लिवाली के कारण कंपनी के शेयर थोड़ी देर में ही उछल कर 116.55 रुपये के अपर सर्किट लेवल पर पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 19.55 रुपये यानी 20.15 प्रतिशत का मुनाफा हो गया।

ईपीडब्ल्यू इंडिया का 31.81 करोड़ रुपये का आईपीओ 22 से 24 दिसंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.32 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.17 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1.53 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.31 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 5 रुपये फेस वैल्यू वाले 32,79,600 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी पुराने कर्ज के बोझ को कम करने, अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 6 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 74 लाख रुपये और 2024-25 में उछल कर 4.33 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष की बात करें, 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान कंपनी को 4.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है।

इस दौरान कंपनी की आय 188 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 53.34 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के दौरान कंपनी को 44.04 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ भी बढ़ता गया। 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के अंत में कंपनी पर 16.96 करोड़ रुपये का कर्ज था।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 11 लाख रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 85 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 5.18 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। 2025-26 की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के अंत में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 5.13 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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