(वार्षिकी) एमएसएमई सेक्टर ने हासिल किए अहम पड़ाव, उद्यम रजिस्ट्रेशन 7.30 करोड़ के पार
- रजिस्ट्रेशन, क्रेडिट फ्लो और खादी की बिक्री में बढ़ोतरी के साथ बड़ी सफलता हासिल की
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स)। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें नए अभियान और पहल के शुभारंभ के साथ ही अन्य देशों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करना शामिल है। वहीं, डिजिटल परिवर्तन में औपचारिककरण में तेजी आने से उद्यम पंजीकरण 7.30 करोड़ से अधिक हो गए हैं।
एमएसएमई ने औपचारिकता, क्रेडिट तक पहुंच, डिजिटल गवर्नेंस और ग्लोबल पहुंच में बड़ी सफलता हासिल करके 2025 को एक ऐतिहासिक साल के तौर पर चिह्नित किया है। इसमें उद्यम पंजीकरण पोर्टल का शुभारंभ 01 जुलाई, 2020 को किया, जो एमएसएमई के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने और सभी योजनाओं एवं लाभों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। ये पंजीकरण प्रक्रिया नि:शुल्क, कागज रहित और डिजिटल है।
मंत्रालय ने अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) को औपचारिक दायरे में लाने और प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के लाभों का लाभ उठाने के लिए उद्यम सहायता मंच (यूएपी) पोर्टल का शुभारंभ 11 जनवरी, 2023 को किया। 01 जुलाई, 2020 से 17 दिसंबर तक उद्यम पंजीकरण पोर्टल और उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर 7.30 करोड़ से अधिक उद्यमों ने पंजीकरण कराया है। इसमें उद्यम पोर्टल पर 4.37 करोड़ और यूएपी पर 2.92 करोड़ पंजीकरण शामिल हैं। इसके अलावा एमएसएमई को परिचालन बढ़ाने और बेहतर संसाधनों तक पहुंच प्राप्त करने में सहायता के लिए केंद्रीय बजट 2025-26 में वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ा दिया गया है। नई परिभाषा 01 अप्रैल से प्रभावी हो गई है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)
पीएमईजीपी एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना है जिसका उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के जरिए रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके तहत विनिर्माण क्षेत्र में अधिकतम 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये की परियोजना लागत वाले नए उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण लेने वाले लाभार्थियों को मार्जिन मनी (सब्सिडी) प्रदान की जाती है।
इसकी स्थापना के बाद वित्त वर्ष 2008-09 से लेकर वित्त वर्ष 2025-26 तक (16 दिसंबर, 2025 तक) देशभर में 10.71 लाख से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को 29,249.43 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी के वितरण के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है, जिससे कुल मिलाकर 87 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होने का अनुमान लगाया गया है।
वर्ष 2025-26 के दौरान (1 जनवरी, 2025 से 16 दिसंबर, 2025 तक) देशभर में 84,034 नए सूक्ष्म उद्यमों को 3125.35 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी के वितरण के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है, जिससे कुल मिलाकर 6.7 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होने का अनुमान है। जून 2025 से, पीएमईजीपी के लिए संभावित लाभार्थियों से अंग्रेजी और हिंदी को छोड़कर 19 क्षेत्रीय भाषाओं में आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
ऋण गारंटी योजना
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएमएसई) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में से एक है, जिसे सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के जरिए कार्यान्वित किया जाता है। इसका उद्देश्य सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) को बिना किसी संपार्श्विक या तृतीय-पक्ष गारंटी के ऋण प्रदान करना है। सीजीएसएमएसई अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस महत्वपूर्ण वर्ष में अपनी स्थापना के बाद से एक करोड़ ऋण गारंटी का आंकड़ा पार कर चुका है।
1 जनवरी से 30 नवंबर, 2025 की अवधि के दौरान 3.77 लाख करोड़ रुपये की 29.03 लाख गारंटियों को स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने गारंटी कवरेज की सीमा को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया है और 1 करोड़ रुपये से अधिक की गारंटियों के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क को युक्तिसंगत बना दिया है, जो 01 अप्रैल, 2025 से प्रभावी है। इसके अलावा, ट्रांसजेंडर उद्यमियों द्वारा स्थापित लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसई) के लिए एक विशेष प्रावधान पेश किया गया है, जिसमें गारंटी शुल्क में 10 फीसदी की छूट और 85 फीसदी की बढ़ी हुई गारंटी कवरेज प्रदान की गई है, जो 01 मार्च, 2025 से प्रभावी होगी।
आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) निधि
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) निधि योजना उन लघु एवं मध्यम उद्यमों को इक्विटी वित्तपोषण प्रदान करती है जिनमें विस्तार की क्षमता और व्यवहार्यता है। अक्टूबर 2021 में इसकी शुरुआत से लेकर 30 नवंबर, 2025 तक, 69 सहायक निधियों को एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड (एनवीसीएफएल), यानी मातृ निधि के साथ सूचीबद्ध किया गया है। एसआरआई निधि ने 682 लघु एवं मध्यम उद्यमों को 1,823 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से सहायता प्रदान की है।
1 जनवरी, 2025 से 30 नवंबर, 2025 तक, 9 सहायक फंड एनवीसीएफएल के साथ सूचीबद्ध किए गए। साथ ही 129 संभावित एमएसएमई की सहायता के लिए 613 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य हाथों और औजारों से काम करने वाले 18 व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना है। योजना के कार्यान्वयन के दो वर्षों के भीतर ही 30 लाख लाभार्थियों के पंजीकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियां
कौशल उन्नयन:- 7.7 लाख लाभार्थियों ने बुनियादी कौशल प्रशिक्षण पूरा किया।
ऋण सहायता:- 2.62 लाख लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर बिना किसी गारंटी के ऋण के रूप में 2,257 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
डिजिटल प्रोत्साहन:- 6.7 लाख लाभार्थियों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाया गया है।
टूलकिट प्रोत्साहन:- लाभार्थियों के घर-घर जाकर 10.57 लाख आधुनिक टूलकिट वितरित किए गए।
विपणन सहायता:- कारीगरों और उनके शिल्प एवं कौशल को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 138 व्यापार मेले, प्रदर्शनियां और कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
एमएसएमई विकास प्रदर्शन को बढ़ावा देने और उसे गति प्रदान करने से जुड़ी योजना (आरएएमपी)
आरएएमपी विश्व बैंक द्वारा समर्थित एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसका उद्देश्य एमएसएमई की बाजार, वित्त और प्रौद्योगिकी उन्नयन तक पहुंच में सुधार करना है। अब तक, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) का मूल्यांकन किया जा चुका है और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 3211.75 करोड़ रुपये के 398 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। शुरुआत से ही, आरएएमपी योजना के तहत सभी पहलों से 10 लाख से अधिक एमएसएमई लाभान्वित हुए हैं। मंत्रालय ने निर्धारित कार्यों को पूरा करने के कारण प्रतिपूर्ति का दावा करने के संबंध में कार्यक्रम के लक्ष्य का 50 फीसदी हासिल कर लिया है।
44वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ)
केंद्रीय लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने 17 नवंबर को आईआईटीएफ-2025 में “एमएसएमई, केवीआईसी, एनएसएसएच और कॉयर पवेलियन” का उद्घाटन किया और एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने भी मेले का दौरा किया। इस वर्ष एमएसएमई पवेलियन का विषय “जीवंत एमएसएमई, विकसित भारत” था। एमएसएमई मंत्रालय को 'भारत को सशक्त बनाना' श्रेणी के अंतर्गत रजत पदक से सम्मानित किया गया।
एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हुए 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) और विश्वकर्माओं को कुल 292 स्टॉल आवंटित किए गए हैं।
इनमें से 67 फीसदी से अधिक स्टॉल महिला उद्यमियों को और 34 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को आवंटित किए गए। इसके अतिरिक्त, दिव्यांग उद्यमियों के लिए 15 स्टॉल दिए गए। यह आयोजन क्षेत्रीय विविधता को भी उजागर करता है, जिसमें 43 स्टॉल भौगोलिक संकेत (जीआई) वाले उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं और 15 स्टॉल ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) उत्पादों को समर्पित हैं । विशेष रूप से, 288 स्टॉल (98 फीसदी) पहली बार भाग लेने वाले सूक्ष्म उद्यमों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं, और 25 फीसदी से अधिक स्टॉल विश्वकर्माओं को आवंटित किए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

