लोकसभा ने वित्त विधेयक 2024 को किया पारित

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लोकसभा ने वित्त विधेयक 2024 को किया पारित


लोकसभा ने वित्त विधेयक 2024 को किया पारित


नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा ने बुधवार को कुछ संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2024 (संख्यांक-2) को पारित कर दिया है। इसके साथ लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब यह विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए जाएगा। संसद के द्वारा वित्त विधेयक पारित होने के बाद बजट की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले वित्त विधयेक 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए इसमें संशोधन पेश किया। इसके बाद लोकसभा ने ‘वित्त (संख्यांक 2) विधेयक, 2024’ को कुछ संशोधनों के साथ पारित कर दिया। सीतारमण ने बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए रियल एस्टेट पर हाल ही में लागू किए गए नए पूंजीगत लाभ कर में राहत दी है, जिससे करदाताओं को नई कम कर दर अपनाने या पुरानी व्यवस्था के साथ बने रहने का विकल्प मिल गया है।

सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पेश केंद्रीय बजट के दौरान रियल एस्टेट पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) को बिना ‘इंडेक्सेशन’ लाभ के 20 फीसदी से 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने सदन में वित्त विधेयक में चर्चा का जवाब देते हुए इस संबंध में संशोधन पेश किया।

लोकसभा ने सीतारमण के वित्‍त विधयेक पर चर्चा का जवाब देने के बाद 45 संशोधनों के साथ ध्वनिमत से ‘वित्त (संख्यांक 2) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया। यह विधेयक अब राज्यसभा में चर्चा के लिए जाएगा, लेकिन उच्च सदन को संविधान के अनुसार किसी ‘धन विधेयक’ को खारिज करने का अधिकार नहीं है। वह ऐसे विधेयक काे केवल लौटा सकता है।

इससे पहले सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा संशोधनों से यह सुनिश्चित होता है कि रियल एस्टेट की बिक्री पर एलटीसीजी कर के संबंध में कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं पड़ेगा। वित्‍त विधयेक पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा कि मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी हटाने का मुद्दा जीएसटी काउंसिल में तय हो सकता है। यहां संशोधन लाने से कुछ नहीं होगा। इसको लेकर पहले जीएसटी काउंसिल में फैसला होगा, तभी यहां संशोधन लाया जा सकेगा।

वित्‍त मंत्री ने सदन को बताया कि लिथियम, कोबाल्ट जैसे 27 क्रिटिकल मिनरल पर छूट मिली है, जो देश की रणनीतिक स्वायत्तता के लिए आवश्यक है। उन्‍होंने कहा कि हमने सोने और चांदी की शुल्क दरों में कमी की है, क्योंकि भारत हीरे की कटाई और पॉलिशिंग का केंद्र होने के साथ ही आभूषणों का निर्यातक भी है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर / रामानुज

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