कम विपणन मार्जिन से प्रभावित हुआ इंडियन ऑयल का राजस्व
बेगूसराय, 31 जनवरी (हि.स.)। कम विपणन मार्जिन और वर्तमान अवधि के दौरान उच्च विनिमय घाटे के कारण इंडियन ऑयल को चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह में 18 सौ करोड़ से अधिक का घाटा हुआ है।मंगलवार को जारी किए गए विज्ञप्ति के अनुसार इंडियन ऑयल ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में पांच लाख 21 हजार 988 करोड़ की तुलना में अप्रैल से दिसम्बर 2022 की अवधि के लिए सात लाख आठ हजार 461 करोड़ के परिचालन से राजस्व की सूचना दी।
31 दिसम्बर 2022 को समाप्त नौ महीनों के लिए शुद्ध घाटा 1817 करोड़ मुख्य रूप से कम विपणन मार्जिन और वर्तमान अवधि के दौरान उच्च विनिमय घाटे के कारण है। इसी अवधि के दौरान पिछले वर्ष 18162 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया था।
इंडियन ऑयल के संचालन से राजस्व 2022-23 की तीसरी तिमाही में दो लाख 28 हजार 168 करोड़ रुपए है, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह एक लाख 97 हजार 168 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए शुद्ध लाभ पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 5861 करोड़ की तुलना में 448 करोड़ है।
इंडियन ऑयल के अध्यक्ष एस.एम. वैद्य ने कहा है कि इंडियन ऑयल ने अप्रैल से दिसम्बर 2022 की अवधि के दौरान निर्यात सहित 71.382 मिलियन टन उत्पाद बेचे। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों के लिए हमारा रिफाइनिंग थ्रूपुट 53.231 मिलियन टन था।
इस अवधि के दौरान कॉर्पोरेशन का देशव्यापी पाइपलाइन नेटवर्क थ्रूपुट 72.085 मिलियन टन था। अप्रैल से दिसम्बर 2022 की अवधि के दौरान सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के 8.52 अमेरिकी डॉलर प्रति बीबीएल की तुलना में 21.08 अमेरिकी डॉलर प्रति बीबीएल था।
वित्तीय वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए निर्यात सहित इंडियन ऑयल की उत्पाद बिक्री मात्रा 24.305 मिलियन टन थी। तिमाही के दौरान रिफाइनिंग थ्रूपुट 18.202 मिलियन टन था और कॉर्पोरेशन के देशव्यापी पाइपलाइन नेटवर्क का थ्रूपुट 23.801 मिलियन टन था।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र
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