भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : राणे

भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : राणे
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भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा : राणे


-राणे ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र की आधारशिला रखी

मुंबई/नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को कहा कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिंधुदुर्ग में प्रौद्योगिकी केंद्र युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इससे राज्य के विकास और औद्योगिक विकास को और बढ़ावा मिलेगा।

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र की आधारशिला रखने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राणे ने यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने सिंधुदुर्ग औद्योगिक महोत्सव और स्वरोजगार कॉन्क्लेव का भी उद्घाटन किया। राणे ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिंधुदुर्ग में प्रौद्योगिकी केंद्र युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इससे राज्य के विकास और औद्योगिक विकास को और बढ़ावा मिलेगा और खाद्य प्रसंस्करण इस क्षेत्र में एक प्रमुख औद्योगिक गतिविधि बन जाएगी। इसके साथ ही राणे ने पीएम विश्वकर्मा पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और उपस्थित लोंगों से बातचीत की।

इसके अलावा एएस एंड डीसी (एमएसएमई) डॉ. रजनीश ने अपने संबोधन में कहा कि एमएसएमई को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और विश्व स्तरीय बनना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत 2047 तक एक विकसित देश बन जाए। उन्होंने आगे कहा कि देश भर में फैले प्रौद्योगिकी केंद्र इस परिवर्तन में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। इस मौके पर अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त, एएस एंड डीसी (एमएसएमई), डॉ. रजनीश तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिष्ठित अतिथि भी उपस्थित थे।

एमएसएमई मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा देशभर में 20 नए प्रौद्योगिकी केंद्र और 100 विस्तार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मंत्रालय ने बताया कि एमएसएमई-प्रौद्योगिकी केंद्र, सिंधुदुर्ग, 182 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना लागत के साथ, जनरल इंजीनियरिंग और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इससे आस- पास के क्षेत्रों में एमएसएमई के लिए विकास के नए अवसर पैदा होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत

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