डब्ल्यूटीओ में डिजिटल औद्योगीकरण के लिए नीतिगत स्थान की जरूरत पर भारत का जोर

डब्ल्यूटीओ में डिजिटल औद्योगीकरण के लिए नीतिगत स्थान की जरूरत पर भारत का जोर
WhatsApp Channel Join Now
डब्ल्यूटीओ में डिजिटल औद्योगीकरण के लिए नीतिगत स्थान की जरूरत पर भारत का जोर


नई दिल्ली/अबू धाबी, 29 फरवरी (हि.स.)। भारत ने अबू धाबी में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन-13 में डिजिटल औद्योगीकरण के लिए नीतिगत स्थान की आवश्यकता पर जोर दिया है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत ने डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में गुरुवार, 29 फरवरी को ई-कॉमर्स पर कार्य सत्र में डिजिटल औद्योगीकरण के महत्व पर अपना विचार रखा। भारत ने कहा कि किस तरह वैश्विक अर्थव्यवस्था का यह उभरता हुआ क्षेत्र सबसे कम विकसित देशों (एलडीएससी) सहित विकासशील देशों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि का वादा करता है।

भारत ने सम्मेलन में बल देकर कहा कि डिजिटल औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए डब्ल्यूटीओ सदस्यों के पास सभी नीतिगत विकल्प उपलब्ध होने चाहिए। भारत ने बल देकर कहा कि वर्तमान में विकसित देशों में स्थित कुछ प्रतिष्ठान ई-कॉमर्स के वैश्विक परिदृश्य पर हावी हैं।

भारत ने बताया कि विकसित और विकासशील देशों के बीच एक बड़ी डिजिटल खाई वैश्विक ई-कॉमर्स में विकासशील देशों की भागीदारी को बढ़ाना चुनौतीपूर्ण बनाती है। भारत ने दोहराया कि डिजिटल क्रांति अभी अपना स्वरूप ले रही है और ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तथा 3डी प्रिंटिंग, डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स आदि जैसी प्रौद्योगिकियों के विस्तार से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क पर स्थगन के पहलुओं की फिर से जांच करने की जरूरत है, विशेष कर विकासशील देशों और एलडीसी के लिए।

मंत्रालय के मुताबिक भारत ने कहा कि विकासशील देशों को अपने घरेलू फिजिकल और डिजिटल आधारभूत अवसंरचना में सुधार करने, सहायक नीति और नियामक ढांचे बनाने तथा डिजिटल क्षमताओं के विकास पर फोकस करने की आवश्यकता है। भारत का अपना डिजिटल परिवर्तन नवाचार में इसके अटूट विश्वास और त्वरित के क्रियान्वयन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता से प्रेरित है।

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) दृष्टिकोण से भारत नवाचार को प्रोत्साहन दे रहा है, प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण कर रहा है। इसके साथ ही डिजिटल व्यवसायों के लिए एक प्रतिस्पर्धी इको-सिस्टम को बढ़ावा दे रहा है। डीपीआई ने वाणिज्य, ऋण, स्वास्थ्य सेवा, भुगतान, ई-गवर्नेंस और नागरिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी क्रांति को प्रेरित किया है। भारत का अपना अनुभव बताता है कि डिजिटल आधारभूत अवसंरचना, कौशल, शिक्षा और सक्षम नीतियों पर व्यापक बल ने तेजी से जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटलीकरण को प्रेरित किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/पवन

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story