चार सरकारी कंपनियों को नवरत्न का दर्जा मिलने से शेयर बाजार में बढ़ी हलचल

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चार सरकारी कंपनियों को नवरत्न का दर्जा मिलने से शेयर बाजार में बढ़ी हलचल


- देश में नवरत्न कंपनियों की संख्या बढ़ कर 25 हुई

नई दिल्ली, 2 सितंबर (हि.स.)। पब्लिक सेक्टर की चार और कंपनियों को नवरत्न स्टेटस मिलने का असर सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में भी नजर आ रहा है। वित्त मंत्रालय ने 30 अगस्त को ही सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन, नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी), रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर जेनरेशन कंपनी (एसजेवीएन) को नवरत्न का दर्जा दिया था। इन चारों में से सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन को छोड़ कर बाकी तीनों कंपनियां स्टॉक मार्केट की लिस्टेड कंपनियां हैं। इन तीनों कंपनियों के शेयर मूल्य में आज लगातार तेजी का रुख बना रहा।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर रेलटेल कॉरपोरेशन पिछले सप्ताह की आखिरी दिन शुक्रवार को 490.80 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। नवरत्न का दर्जा मिलने के बाद आज पहली बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग हुई। आज का कारोबार शुरू होने के बाद कंपनी के शेयर 25 रुपये से अधिक की छलांग लगा कर 516 रुपये के स्तर तक पहुंच गए।

इसी तरह हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर जेनरेशन कंपनी, जिसे पहले सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के नाम से जाना जाता था, उसके शेयर आज करीब पांच प्रतिशत उछल कर 140 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। इसके पहले पिछले सप्ताह एसजेवीएन के शेयर 133.35 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे। इसके अलावा नेशनल हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी) के शेयर 4.66 प्रतिशत उछल कर 100.50 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को इस शेयर ने 96.12 रुपये के स्तर पर कारोबार का अंत किया था।

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को महारत्न, नवरत्न और मिनी रत्न कंपनी की श्रेणी में रखा जाता है। नवरत्न का दर्जा उन सरकारी कंपनियों को दिया जाता है, जो पहले मजबूत वित्तीय स्थिति के सात मिनी रत्न श्रेणी में रहीं हों और उनका मार्केट में परफॉर्मेंस भी शानदार रहा हो। एक बार नवरत्न का दर्जा हासिल करने के बाद कंपनियों को 1 हजार करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए सरकार से पहले मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। नवरत्न कंपनियां किसी खास प्रोजेक्ट में पूरे साल के नेटवर्थ के 30 प्रतिशत तक का निवेश कर सकती हैं। हालांकि इसकी ऊपरी सीमा 1 हजार करोड़ रुपये ही रहती है।

कुछ दिन पहले ही वित्त मंत्रालय ने शिप बिल्डर कंपनी मझगांव डॉक को नवरत्न कंपनी का दर्जा दिया था। उसके बाद पिछले शुक्रवार को चार और कंपनियों को नवरत्न कंपनियों का दर्जा दिया गया है। इस तरह अब देश में नवरत्न कंपनियों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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