स्टार्टअप परिस्थितिकी तंत्र के मामले में गुजरात, केरल और कर्नाटक अव्वल
स्टार्टअप की 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अहम भूमिका : पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 16 जनवरी (हि.स.)। देश में उभरते उद्यमियों के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मामले में गुजरात, केरल तथा कर्नाटक सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य बनकर उभरे हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से जारी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग में यह बात सामने आई है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यहां राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2022 जारी की। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि स्टार्टअप 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। स्टार्टअप और राज्य रैंकिंग पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री ने पिछले आठ वर्षों में स्टार्टअप क्षेत्र में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि जो चीज कभी नवीनता थी, वह अब राष्ट्रीय मुख्यधारा का अभिन्न अंग बन गई है।
इस अवसर पर डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि करीब 1,800 मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को पेटेंट प्रदान किया गया है। ऐसे मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 1.17 लाख से अधिक हो गई है। डीपीआईआईटी की ओर से जारी की गई स्टार्टअप रैंकिंग पुरस्कार में गुजरात को लगातार चौथी बार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता का दर्जा मिला है। कर्नाटक को लगातार दूसरे साल इस खंड में स्थान मिला। इसी तरह केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय को शीर्ष प्रदर्शन करने वालों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
डीपीआईआईटी की जारी इस रैंकिंग का मकसद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं से सीखने में सहायता करना है। इसमें कुल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। इन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले, नेतृत्व करने वाले, महत्वाकांक्षी नेतृत्व करने वाले और उभरते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने वालों की पांच श्रेणियों में बांटा गया है। इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी जनसंख्या के आकार के आधार पर मोटे तौर पर दो वर्गों में विभाजित किया गया है। इनमें एक करोड़ से अधिक आबादी वाले और एक करोड़ से कम जनसंख्या वाले राज्य शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल
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