खुदरा महंगाई, जीडीपी और औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों में अगले साल होगा बदलाव

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खुदरा महंगाई, जीडीपी और औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों में अगले साल होगा बदलाव


- सरकार फरवरी से खुदरा महंगाई और जीडीपी आंकड़ों की नई सीरीज और मई से आईआईपी डेटा जारी करेगी

नई दिल्‍ली, 22 दिसंबर (हि.स)। केंद्र सरकार ने आधार वर्ष में बदलाव का ऐलान किया है। सरकार अगले साल फरवरी महीने से खुदरा महंगाई और सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के आंकड़ों की नई सीरीज और मई से औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) डेटा जारी करेगी। ये जानकारी प्रतिभागियों के साथ भी शेयर की जाएगी।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी कि खुदरा महंगाई दर, राष्ट्रीय लेखा और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक से जुड़े प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों की नई शृंखला अगले वर्ष जारी की जाएगी, जिसमें आधार वर्ष बदला गया होगा। मंत्रालय ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार वर्ष में बदलाव को लेकर 23 दिसंबर को नई दिल्‍ली स्थित भारत मंडपम में एक परामर्श कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसके पहले मुंबई में 26 नवंबर को पहली कार्यशाला आयोजित की गई थी।

इस कार्यशाला में प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों, मामले के जानकार, प्रमुख सांख्यिकीय आंकड़ों के उपयोगकर्ताओं और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी होगी। इस कार्यशाला में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन, मंत्रालय के सचिव सौरभ गर्ग और केंद्रीय सांख्यिकी महानिदेशक एनके संतोषी भी उपस्थित रहेंगे।

मंत्रालय के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति की नई शृंखला का आधार वर्ष 2024 होगा और इसे 12 फरवरी को जारी किया जाएगा। राष्ट्रीय लेखा से जुड़े आंकड़े वित्त वर्ष 2022-23 को आधार वर्ष मानते हुए 27 फरवरी को जारी किए जाएंगे। इसके अलावा आईआईपी की नई शृंखला का आधार वर्ष 2022-23 होगा जिसे 28 मई को जारी किया जाएगा। आधार वर्ष में बदलाव पर होने वाली परामर्श कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जीडीपी, सीपीआई और आईआईपी के आधार वर्ष संशोधन के तहत प्रस्तावित पद्धतिगत और संरचनात्मक बदलावों को साझा करना और प्रतिभागियों से सुझाव एवं टिप्पणियां प्राप्त करना है। इससे उपयोगकर्ताओं को संशोधित शृंखला में होने वाले बदलावों को समझने में मदद मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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