अक्टूबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने की करीब 100 अरब की बिकवाली
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। सितंबर के बाद अक्टूबर के महीने में भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली करने का सिलसिला लगातार जारी है। इस महीने के पहले 15 दिनों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शेयरों को बेच कर अभी तक इक्विटी मार्केट से करीब 100 अरब रुपये की निकासी कर चुके हैं।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर महीने के पहले पखवाड़े में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने करीब 1.17 अरब डॉलर यानी 97.84 अरब रुपये के शेयरों की बिकवाली की है। आपको बता दें की सितंबर से पहले लगातार 6 महीने तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में जम कर खरीदारी की थी। लेकिन अमेरिकी बाजार में उठा-पटक शुरू होने के बाद सितंबर के महीने में खरीदारी के सिलसिले पर ब्रेक लगता नजर आया और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की नजर फिलहाल वैश्विक बाजार की अनिश्चितता पर टिकी हुई है। अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों में बनी अस्थिरता की वजह से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित करने की कोशिश में लगे हुए हैं। अमेरिकी बाजार की अनिश्चितता के बीच ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में आई तेजी के कारण भी निवेशकों ने इक्विटी मार्केट से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 16 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड यील्ड 2006 के बाद पहली बार पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 4.9% के स्तर पर पहुंच गए थे। ऐसी स्थिति में अमेरिकी का बॉन्ड मार्केट भारतीय शेयर बाजार की तुलना में विदेशी निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक हो गया है। यही वजह है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल कर अमेरिकी बॉन्ड मार्केट में निवेश बढ़ाने में लगे हुए हैं।
विदेशी निवेशकों द्वारा जम कर की जा रही बिकवाली के बावजूद घरेलू शेयर बाजार मामूली झटकों के अलावा लगातार मजबूती दिखाता रहा है। इस महीने के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा करीब 100 अरब रुपये के शेयरों की बिकवाली करने के बावजूद निफ्टी में 0.57 प्रतिशत की तेजी बनी हुई है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और खुदरा निवेशकों द्वारा लगातार घरेलू शेयर बाजार में खरीदारी की जा रही है, जिसकी वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली का घरेलू शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
हिन्दुस्थान समाचार/योगिता/सुनीत
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