जी-20 एफएमसीबीजी की पहली बैठक शुरू, कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
- प्रधानमंत्री ने बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया
नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। भारत की अध्यक्षता में जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की पहली दो दिवसीय बैठक बेंगलुरु में प्रधानमंत्री के संदेश के साथ शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक को संबोधित किया। कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में 25 फरवरी तक चलने वाली एफएमसीबीजी की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने शुक्रवार को जी-20 की पहली एफएमसीबीजी बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का जोरदार स्वागत किया। निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के करीब 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
बैठक में अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जेवा भी शामिल हुईं। इसके साथ ही बैठक के पहले दिन आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ और स्पेन की वित्त मंत्री नादिया कैलविनो भी शामिल हुईं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जी-20 की वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स की बैठक में अच्छी बातचीत हुई।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन संदेश में विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों, विशेषकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मोदी ने वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की जी-20 बैठक को संबोधित करते हुए अपने वीडियो संदेश में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता, भरोसा और वृद्धि प्रदान करना समूह के लिए बहुत ज्यादा जरूरत है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत
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