त्योहारी सीजन शुरू होते ही सजने लगा ड्राई फ्रूट मार्केट, 5 साल में 25 प्रतिशत बढ़ी मेवों की खपत

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त्योहारी सीजन शुरू होते ही सजने लगा ड्राई फ्रूट मार्केट, 5 साल में 25 प्रतिशत बढ़ी मेवों की खपत


नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही देश में ड्राई फ्रूट (मेवा) मार्केट भी सजने लगा है। धनतेरस से लेकर दिवाली तक और फिर शादी के सीजन में ड्राई फ्रूट्स की जमकर खरीदारी होती है। इसके साथ ही सेहत के प्रति लोगों की जागरूकता जैसे-जैसे बढ़ी है, वैसे-वैसे लोगों के खान-पान की शैली में भी बदलाव आया है और खान-पान में ड्राई फ्रूट्स ने मजबूती के साथ अपना स्थान बना लिया है।

मार्केट एक्सपर्ट्स मुताबिक पिछले 5 साल की अवधि में भारत में ड्राई फ्रूट्स की खपत में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खासकर पिछले 2 साल से देश में ड्राई फ्रूट्स का मार्केट सालाना 8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। सेहत के प्रति जागरूकता और लोगों की आय में हुई बढ़ोतरी की वजह से भी ड्राई फ्रूट्स की मांग में तेजी आई है।

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक देश में ड्राई फ्रूट्स की घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए भी अंतरराष्ट्रीय बाजार से होने वाले आयात पर ही निर्भर करना पड़ता है। भारत फिलहाल दुनिया का सबसे बड़ा ड्राई फ्रूट इंपोर्टर है। ग्लोबल इंपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 11.2 प्रतिशत की है। फिलहाल भारत सबसे अधिक अमेरिका से ड्राई फ्रूट्स का आयात करता है। 2023-24 में भारत ने ड्राई फ्रूट्स का आयात करने के लिए ग्लोबली 2.85 बिलियन डॉलर का खर्च किया था। ये स्थिति भी तब है, जब भारत में खुद भी काजू और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स का भारी मात्रा में उत्पादन होता है। इसके साथ ही अखरोट और बदाम का भी देश के कुछ हिस्सों में उत्पादन होता है।

ड्राई फ्रूट्स के इंपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी काजू की है। देश के कुल ड्राई फ्रूट इंपोर्ट में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी काजू की है। 2023-24 में देश में भारत में उत्पादित काजू और आयातित काजू को मिला कर काजू का ही कुल 2.40 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था।‌ अनुमान लगाया जा रहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक देश में काजू का कुल कारोबार 2.90 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

ड्राई फ्रूट्स के इंपोर्टर सुरेंद्र अग्रवाल के अनुसार ड्राई फ्रूट्स में सबसे अधिक मांग काजू की ही है। मांग के लिहाज से देखा जाए तो कुल ड्राई फ्रूट्स में काजू की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है। सबसे अधिक मांग होने की वजह से ही काजू की कीमत में पिछले 1 साल में ही 45 से 50 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। खासकर फेस्टिवल सीजन के दौरान ड्राई फ्रूट्स की मांग में और तेजी आई है। ऐसी स्थिति में दिवाली तक काजू, बादाम, अखरोट और पिस्ता के दाम में तेजी आने की पूरी संभावना बनी हुई है‌। इसके साथ ही किशमिश की लंबी वाली किस्म की मांग में भी तेजी आने की संभावना है। इसलिए किशमिश की ये किस्म भी तुलनात्मक तौर पर महंगी हो सकती है। हालांकि किशमिश की गोल वाली किस्म की मांग में अधिक बढ़ोतरी होने के आसार नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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