सीतारमण ने कहा- केंद्र राज्यों से एकत्र कर उन्हें कर देता है वापस
-वित्त मंत्री कोडंबक्कम में विकसित भारत संकल्प यात्रा में हुईं शामिल
चेन्नई/नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि केंद्र सरकार राज्यों से एकत्र कर वापस नहीं कर रहा है। सीतारमण ने कहा कि केंद्र राज्यों के साथ 100 फीसदी राज्य वस्तु और सेवा कर साझा कर रही है। सीतारमण तमिलनाडु के एकदिवसीय दौरे पर हैं।
वित्त मंत्री ने चेन्नई के कोडंबक्कम में विकसित भारत संकल्प यात्रा रैली के शुभारंभ पर यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु को वर्ष 2014 से प्रत्यक्ष कर के माध्यम से छह लाख 23 हजार 700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि चेन्नई में उज्ज्वला योजना के माध्यम से 38 हजार लोगों को लाभ हुआ है। सीतारामन ने कहा कि राज्य में अब तक एक करोड़ 25 लाख जनधन खाते खोले गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों से एकत्र कर उन्हें संबंधित राज्यों को वापस दे दिया जाता है। सीतारमण ने कहा कि मुद्रा लोन, स्टैंड-अप इंडिया और पीएम स्वनिधि योजनाओं के तहत कर्ज दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 2 करोड़ 67 लाख मुद्रा ऋण वितरित किए गए, जबकि पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत राज्य में 79 हजार तीन सौ रेहडी-पटरी वाले लाभान्वित हुए, जिनमें 67 फीसदी महिलाएं शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से मोदी की सरकार ने तमिलनाडु को मेट्रो रेल परियोजनाएं, नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल, बेहतर एक्सप्रेसवे और बेहतर सड़क बुनियादी ढांचा दिया है। सीतारमण ने कहा कि धन प्रवाह सुनिश्चित करने के मामले में केंद्र कभी भी तमिलनाडु, केरल या किसी अन्य राज्य के प्रति शत्रुतापूर्ण नहीं रहा है। इसके अलावा बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए अग्रिम भुगतान करने के साथ धन भी जारी किया है। वित्त मंत्री ने आज लाभार्थियों को ऋण योजनाएं भी वितरित कीं।
उल्लेखनीय है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा देशभर में शुरू की जा रही एक देशव्यापी अभियान है। ये देश के 09 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंच चुकी है। इस यात्रा का मकसद है कि केंद्र सरकार की योजनाओं से वंचित लोगों तक पहुंचकर उन्हें यह भरोसा दिलाना कि सरकारी योजनाएं बिना भेदभाव के सभी के लिए उपलब्ध है। इस यात्रा का समापन 26 जनवरी, 2024 को गणतंत्र दिवस पर होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर/प्रभात
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