कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर डार्क पैटर्न के उपयोग पर बैन का किया स्वागत

कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर डार्क पैटर्न के उपयोग पर बैन का किया स्वागत
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कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर डार्क पैटर्न के उपयोग पर बैन का किया स्वागत


-पीयूष गोयल से ई-कॉमर्स पालिसी एवं नियमों को जारी करने का किया आग्रह

कहा-ई-कॉमर्स कंपनियों पर बिक्री के लिए डार्क पैटर्न पर बैन से सुधरेगा व्यापार

नई दिल्ली, 04 दिसंबर (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर डार्क पैटर्न के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की जारी अधिसूचना का स्वागत किया है। कैट ने कहा कि इससे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को बरगलाने की प्रवृति पर रोक लगेगी।

कारोबारी संगठन कैट ने सोमवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों पर बिक्री के लिए डार्क पैटर्न के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना का स्वागत करते हुए कहा कि इससे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को बरगलाने की प्रवृति पर रोक लगेगी। कैट के ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये के खिलाफ विगत चार साल से लगातार जारी संघर्ष में सरकार के इस आदेश को एक बड़ी सफलता के तौर पर देख रहा है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जारी बयान में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस कदम के लिए धन्यवाद करते हुए आग्रह किया है कि अब ई-कॉमर्स पॉलिसी एवं नियमों को भी तुरंत लागू किया जाए। खंडेलवाल ने कहा कि सरकार इसे तुरंत लागू करे, ताकि इससे भारत में ई-कॉमर्स का व्यापार एक बेहद व्यवस्थित तरीके से चल सके और ई-कॉमर्स पोर्टल की जिम्मेदारी तय हो। कैट महामंत्री ने डार्क पैटर्न पर प्रतिबंध को लेकर जारी अधिसूचना पर उम्मीद जताते हुए कहा कि इस अधिसूचना से ई-कॉमर्स व्यापार में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों का हित भी सुरक्षित रहेगा और ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये आदि पर कुछ हद तक लगाम लग सकेगी।

उल्लेखनीय है कि 'डार्क पैटर्न' उसे कहा जाता है जिसके जरिए ग्राहकों को धोखा अथवा उनकी पसंद में हेरफेर करने का प्रयास किया जाता है। केंद्र ने पिछले हफ्ते जारी की गई अधिसूचना में ई-कॉमर्स कंपनियों पर 'डार्क पैटर्न' अपनाने पर रोक लगा दी है। सरकार की ओर से इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर ई-कॉमर्स कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/संजीव

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