कैट ने प्रधानमंत्री से ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी परिषद के फैसले में हस्तक्षेप का किया अनुरोध
नई दिल्ली, 17 जुलाई (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के ऑनलाइन गेमिंग को जुए से जोड़ कर जीएसटी टैक्स लगाने के फैसले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही कैट ने जीएसटी परिषद के इस फैसले का पुनर्मूल्यांकन कर इसे रद्द करने की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि जीएसटी परिषद का यह निर्णय उद्योग जगत के लिए विनाशकारी है। यह फैसला इसको अव्यवहार्य बना देगा। इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी। कैट महामंत्री ने कहा कि परिषद के अनुसार यह गेमिंग उपयोगकर्ताओं को अवैध ऑफशोर वेबसाइट की ओर भी ले जाएगा, जिससे डिजिटल नागरिकों के लिए इंटरनेट कम सुरक्षित हो जाएगा।
खंडेलवाल ने कहा कि यह सुरक्षित ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने और इसको बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सीधा उल्लंघन है। खंडेलवाल ने कहा कि बार-बार न्यायालयों ने भी गेमिंग और जुए को एक समान मानने के फैसले को असंवैधानिक बताया है। इसलिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया गया है कि भारतीय उद्योग को बर्बाद होने से बचाएं और जीएसटी काउंसिल इस फैसले की समीक्षा करें।
कैट महामंत्री ने कहा कि यह निर्णय डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया की योजना के भी खिलाफ है। तेजी से बढ़ते इस क्षेत्र को नियमित करने और विकसित करने की जरूरत है, क्योंकि यह उद्योग को अस्थिर बना देगा और व्यवसाय को ऑफशोर जुआ प्लेटफार्मों तक ले जाएगा तथा एक उभरती हुई तकनीक को खत्म कर देगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ प्रजेश शंकर/संजीव
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