लोकसभा ने बॉयलर्स विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित किया


नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। लोकसभा ने मंगलवार को बॉयलर्स विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया है, जो एक सदी पुराने बॉयलर्स अधिनियम, 1923 की जगह लेगा। इस विधेयक को पहले ही 4 दिसंबर, 2024 को राज्यसभा से पारित किया जा चुका है। अब इस विधयेक को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आज ही लोकसभा में बॉयलर्स विधेयक, 2024 पेश किया था।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बॉयलर्स विधेयक, 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधयेक बॉयलर्स अधिनियम 1923 की जगह लेगा। इस नए विधेयक का उद्देश्य छोटे-मोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है। इसके साथ ही बॉयलर उद्योग के लिए सुरक्षा मानकों को बढ़ाना और नियमों को सुव्यवस्थित करना है।
पीयूष गोयल ने चर्चा के दौरान सदन को बताया कि इस विधेयक का उद्देश्य सात अपराधों को अपराध से मुक्त करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रावधान भी हैं। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि इस विधयेक में यह भी प्रावधान है कि बॉयलर की मरम्मत योग्य और सक्षम व्यक्तियों द्वारा की जानी चाहिए।
Also Read - ईओ जोशी ने चार महीने में 52 भवन करवाएं पूरे
गोयल ने सदन को बताया कि इस विधेयक का उद्देश्य सात अपराधों को अपराध से मुक्त करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है। वाणिज्य मंत्री ने सदन को बताया कि यह नया विधेयक व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) के लिए एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा। इस विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं।
वाणिज्य मंत्री ने बॉयलर्स विधेयक, 2024 पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि बॉयलर और बॉयलर के साथ काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सात अपराधों में से, चार प्रमुख अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड बरकरार रखा गया है। अन्य अपराधों के लिए, राजकोषीय दंड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा सभी गैर-आपराधिक कृत्यों के लिए ‘जुर्माना’ को ‘दंड’ में बदल दिया गया है, जिसे पहले की तरह अदालतों के बजाय कार्यकारी तंत्र के माध्यम से लगाया जाएगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने सदन को बताया कि प्रस्तावित विधेयक सुरक्षा को बढ़ाएगा, क्योंकि विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं। बॉयलर की मरम्मत योग्य और सक्षम लोग करते है। कई विपक्षी सदस्यों ने मुद्दा उठाया कि बिल में थर्ड पार्टी इंस्पेक्टर का प्रावधान क्यों किया गया है, लेकिन असल में थर्ड पार्टी से इंस्पेक्शन कराने का प्रावधान तो 2007 के कानून में ही था।
पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा कि बॉयलर अधिनियम, 1923 को वर्ष 2007 में भारतीय बॉयलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 से व्यापक तौर पर संशोधित किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों से निरीक्षण और प्रमाणन कराना शुरू किया गया था। हालांकि, मौजूदा अधिनियम की आगे की जांच करने पर अधिनियम की समीक्षा करने और जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुरूप गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को शामिल करने की जरूरत महसूस की गई है। उन्होंने कहा कि यह नया विधयेक बॉयलर्स अधिनियम, 1923 (1923 का 5) को निरस्त करता है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर