भारत को विकसित बनाने में बैंकों को निभानी होगी अहम भूमिका: वित्त मंत्री
पुणे/नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के एजेंडे को आगे बढ़ाने में बैंकिंग क्षेत्र को अहम भूमिका निभानी होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने महाराष्ट्र के पुणे में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर अयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री की तरफ से निर्धारित एजेंडे को आगे बढ़ाने में बैंकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सीतारमण ने कहा कि आपकी भूमिका से हम इस सपने को हासिल करने में और तेजी लाएंगे। वित्त मंत्री के साथ वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निधु सक्सेना भी मौजूद थे।
सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने आगे कहा कि बैंकों को प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाने में जिसकी परिकल्पना की गई है, उनमें बुनियादी ढांचे में मजबूत गति प्रदान करना। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को जरूरत के आधार पर फंडिंग की उपलब्धता को सुनिश्चित करना। बैंकिंग सेवाओं से वंचित आबादी को औपचारिक बैंकिंग चैनलों के दायरे में लाना और सभी नागरिकों को बीमा नेट प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल बैंकिंग की विकासशील भारत को आकार देने में अहम भूमिका है। सीतारमण ने कहा कि प्रौद्योगिकी भारत के बैंकिंग परिदृश्य को नया आकार दे रही है, यह ग्राहकों को सुरक्षित, नेविगेट करने में आसान डिजिटल बैंकिंग अनुभव प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सिस्टम को मजबूत, विश्वसनीय और उपयोगकर्ता के अनुकूल होना चाहिए। फिनटेक का विकास मदद करने वाला है। वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीसीआई द्वारा अप्रैल 2016 में लॉन्च किए गए रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने खुदरा डिजिटल भुगतान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीतारमण ने कहा कि आज दुनिया में सभी रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों का लगभग 45 फीसदी भारत में होता है। बैंकों को इसे बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार करना चाहिए। अब तक यूपीआई को सात देशों भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और यूएई में लॉन्च किया गया है, जो डिजिटल फुटप्रिंट बन रहे हैं, उनका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे हम अपने लाभ के लिए तकनीक का उपयोग करते हैं, हमें जोखिमों को कम करने के लिए भी अच्छी तरह से तैयार होने की जरूरत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर
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