बजाज हिन्दुस्थान शुगर और एवरएनवायरो ने कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन करने के लिए मिलाया हाथ

बजाज हिन्दुस्थान शुगर और एवरएनवायरो ने कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन करने के लिए मिलाया हाथ
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बजाज हिन्दुस्थान शुगर और एवरएनवायरो ने कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन करने के लिए मिलाया हाथ


लखनऊ, 20 फरवरी (हि.स.)। बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड (बजाज शुगर) और एवरएनवायरो प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश में सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) संयंत्र स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया है।

बजाज हिन्दुस्थान शुगर वर्तमान में अपनी 14 चीनी मिलों से लगभग 500,000 मीट्रिक टन वार्षिक प्रेस-मड का उत्पादन करता है, जो की संभावित रूप से प्रति दिन 70 मीट्रिक की कुल क्षमता के साथ सीबीजी संयंत्र स्थापित करने में मदद कर सकता है। बजाज शुगर एशिया में सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है और साथ ही वैश्विक स्तर पर इसकी पेराई क्षमता सबसे बड़ी मिलों में से एक है।

बजाज समूह के अध्यक्ष कुशाग्र बजाज के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बजाज समूह 90 वर्षों से अधिक समय से व्यवसाय में है और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में हमेशा अग्रणी रहा है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य के अनुरूप सीबीजी संयंत्रों की स्थापना और कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। सीबीजी विभिन्न अपशिष्ट धाराओं से प्राप्त होने वाला एक अधिक पर्यावरण-अनुकूल ईंधन है और हमें हर्ष है की हैं की बजाज चीनी मिलों से निकलने वाली अपशिष्ट धारा प्रेस-मड का उपयोग कर हम इथेनॉल के अलावा एक और हरित ऊर्जा का उत्पादन करने जा रहा है।

कुशाग्र बजाज के अनुसार बजाज समूह व्यवसाय के साथ राष्ट्र निर्माण के कार्यों में हमेशा अग्रणी रहा है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य के अनुरूप सीबीजी संयंत्रों की स्थापना और कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है। सीबीजी विभिन्न अपशिष्ट धाराओं से प्राप्त होने वाला एक अधिक पर्यावरण-अनुकूल ईंधन है। और हम उत्साहित हैं की चीनी मिलों से निकलने वाली प्रेस-मड एक ऐसी मुख्य अपशिष्ट धारा है जिसका उपयोग बजाज हरित ऊर्जा के उत्पादन के लिए करने जा रहा है।

एवरएनवायरो आज की तारीख में भारत का सबसे बड़ा सीबीजी प्लेयर है, जो म्युनिसिपल ऑर्गनिक वेस्ट, धान के खेतों से कृषि अपशिष्ट और गन्ने की पेराई से निकले अवशेष अपशिष्ट पर आधारित परियोजनाओं पर एम.पी, यूपी, दिल्ली और पंजाब में पहले से ही काम कर रहा है।

एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ महेश गिरधर ने बताया 'बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड के साथ हमारी साझेदारी टिकाऊ ऊर्जा समाधान की दिशा में हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस गठबंधन के माध्यम से, एवरएनवायरो पूरे उत्तर प्रदेश में सीबीजी परियोजनाओं को विकसित करने, संचालित करने और बढ़ाने के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। बजाज शुगर की चीनी मिलों से प्रेस-मड की निरंतर आपूर्ति से हमारे संयंत्रों की सीबीजी उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अलावा, सीबीजी के उपोत्पाद के रूप में उत्पादित अंकुरित जैविक खाद पुनर्योजी कृषि को बढ़ावा देगी, जिससे क्षेत्र में मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता में वृद्धि होगी। यह पहल हमारे देश के जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरी तरह मेल खाती है।

एवरएनवायरो के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत, बजाज शुगर के पास या तो पूर्व निर्धारित दीर्घकालिक कीमतों पर प्रेस-मड बेचने या एवरएनवायरो के साथ सीबीजी संयंत्र परियोजना में इकिटी तेने का विकल्प होगा। यह समझौता राजस्व मॉडल के हिस्से के रूप में बजाज के पोर्टफोलियो में (एथनाल के अलावा) एक और हरित ईंधन जोड़ता है।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहित/बृजनंदन

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