2047 तक “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में एआई की भूमिका अहम
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक “विकसित भारत” के सपने को साकार करने में एआई की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि एआई अपनाने से 2030 तक देश में 33.8 करोड़ रुपये का आर्थिक मूल्य उत्पन्न हो सकता है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में केपीएमजी के वार्षिक नवाचार और ऊर्जा सम्मेलन एनरिच 2024 को संबोधित करते हुए ने ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने अपने संबोधन में “ऊर्जा के लिए एआई” थीम के साथ एआई और ऊर्जा के अभिसरण को समयोचित और परिवर्तनकारी बताया, जो उद्योग के भविष्य को आकार देने में एक अहम कदम है।
हरदीप पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि एआई परिचालन में क्रांति लाने, दक्षता बढ़ाने और अधिक टिकाऊ ऊर्जा परिदृश्य की ओर बदलाव को गति देने के लिए तैयार है। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार एआई को उद्योगों में तेजी से अपनाया जा रहा है और यह 2047 तक प्रधानमंत्री के “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने में सहायक होगा।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था, युवा आबादी और संपन्न तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एआई से बहुत लाभ उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि एआई को अपनाने से 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था में कम से कम 33.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर
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