उत्तराखंड : कुमाऊं विवि के नैनो साइंस सेंटर और कोरिया के संस्थान के बीच हुआ समझौता
नैनीताल, 11 जनवरी (हि.स.)। उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय (कुविवि) के डीएसबी परिसर में रसायन विज्ञान विभाग के अंतर्गत संचालित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर और कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केआईएसटी) दक्षिण कोरिया के बीच करार हुआ है। इस अनुबंध के तहत ‘रिसाइक्लेबल एयर मोबिलिटी मैटेरियल्स एंड प्लेटफॉर्म’ को लेकर समझौता किया गया है।
द्विपक्षीय समझौते में कुविवि के रजिस्ट्रार एवं आरडीसी एवं नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर के प्रभारी प्रो. एनजी साहू और कन्वर्जेस रिसर्च सेंटर फॉर रिसाइक्लेबल एयर मोबिलिटी, मैटेरियल्स और केआईएसटी के प्लेटफॉर्म की ओर से महानिदेशक डॉ. योंग चाए जंग ने हस्ताक्षर किए हैं।
प्रो. एनजी साहू ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य पुनर्चक्रण योग्य सामग्रियों और प्लेटफार्म पर ध्यान देने के साथ ही नैनो साइंस और नैनो टेक्नोलॉजी में नवीन समाधान तलाशने के लिए दोनों संस्थानों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयास किया जाना तथा केआईएसटी और कुमाऊं विवि के बीच विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना, अंतर-सांस्कृतिक शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देना और विशेषज्ञता साझा करने को प्रोत्साहित करना हैं।
इस समझौते पर केआईएसटी के डॉ. वाईसी जंग ने कहा कि कुमाऊं विवि के साथ सहयोग तथा अनुसंधान और अकादमिक साझेदारी के लिए नए रास्ते खुले हैं। कुविवि के कुलपति प्रो. डीएस रावत ने कहा कि यह करार अकादमिक प्रतिभा को बढ़ावा देने, सास्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच अनुसंधान गठबंधन स्थापित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस समझौते पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा, उप कुलसिचव दुर्गेश डिमरी, आईक्यूएसी निदेशक प्रो. संतोष कुमार, विज्ञान संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे, उप निदेशक डॉ. मोहन लाल, डॉ. महेश आर्य, डॉ. दीपक कुमार आर्य आदि ने इस समझौते पर खुशी व्यक्त की है।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज
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