एईएसएल ने तमिलनाडु में शुरू किया 2,500 मेगावाट ग्रीन इवैक्युएशन 400 केवी सिस्टम

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एईएसएल ने तमिलनाडु में शुरू किया 2,500 मेगावाट ग्रीन इवैक्युएशन 400 केवी सिस्टम


अहमदाबाद, 27 अक्टूबर (हि.स.)। भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी पावर ट्रांसमिशन कंपनी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने करूर ट्रांसमिशन लिमिटेड प्रोजेक्ट (केटीएल) की सफल शुरुआत की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत तमिलनाडु में 400/230 केवी, 1000 एमवीए करूर पूलिंग स्टेशन और 8.51 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) तक फैली एक ट्रांसमिशन लाइन शामिल है।

1,000 एमवीए की ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता के साथ यह प्रोजेक्ट करूर/तिरुप्पुर विंड एनर्जी क्षेत्र में रिन्यूएबल स्रोतों के माध्यम से पावर इवैक्युएशन की सुविधा देगा। साथ ही यह दक्षिणी ग्रिड को मजबूत करेगा और बड़े स्तर पर रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स के इंटीग्रेशन को सपोर्ट करेगा। करूर/तिरुपुर विंड एनर्जी ज़ोन, तमिलनाडु में एक प्रमुख विंड कॉरिडोर है, जिसमें जरुरी क्षमता और कई अंडर-कंस्ट्रक्शन विंड फार्म्स मौजूद हैं। एईएसएल को यह प्रोजेक्ट, इस क्षेत्र में उत्पादित 2,500 मेगावाट तक का ग्रीन पावर इवैक्युएशन सुनिश्चित करने के लिए सौंपा गया था। यह प्रोजेक्ट भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप है, जो देश के 2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी प्राप्त करने के लक्ष्य का समर्थन करता है। यह प्रोजेक्ट इंडस्ट्रियल, कमर्शियल और रेजिडेंशियल उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच प्रदान करेगा।

एईएसएल ने दिसंबर 2021 में टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से 35 वर्षों की अवधि के लिए इस प्रोजेक्ट को अपने पास सुरक्षित किया था, जिसमें पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण, स्वामित्व, संचालन व रखरखाव के आधार को शामिल किया गया था।

कई चुनौतियों के बावजूद, एईएसएल ने इकोलॉजिकल इंपैक्ट को कम करते हुए, टोपोलॉजिकल चुनौतियों पर विचार किया और इस प्रोजेक्ट को फास्ट-ट्रैक मोड में निष्पादित किया। इस दौरान कई इनोवेटिव दृष्टिकोण अपनाए गए, जिनमें कंक्रीटिंग कार्य के लिए हाई-बूम आरएमसी मशीनों का उपयोग, टावर निर्माण के लिए हाई-बूम लिफ्ट और क्रेन समेत लेटेस्ट एससीएडीए सिस्टम के माध्यम से उन्नत साइबर सुरक्षा एंडपॉइंट समाधानों का कार्यान्वयन शामिल है। एईएसएल की निष्पादन क्षमता को 24 घंटे से कम समय में दो 48-एमटी टावरों के निर्माण के माध्यम से देखा जा सकता है, जो 5-6 एमटी/दिन की सामान्य दर से काफी अधिक है।

इसके अलावा एईएसएल ने 400 केवी डी/सी पुगलुर-पुगलुर (एचवीडीसी) लाइन को बंद करने और मौजूदा ट्रांसमिशन लाइन की बाधाओं को पार करते हुए टावर संरचनाओं के निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

केटीएल प्रोजेक्ट के पूरा होने से भारत की लीडिंग पावर ट्रांसमिशन कंपनी के रूप में एईएसएल की स्थिति और मजबूत हो गई है। एईएसएल के पास ऑपरेशनल ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स और कंस्ट्रक्शन के विभिन्न चरणों में अन्य कई प्रोजेक्ट्स को संभालने का पोर्टफोलियो शामिल है। अदाणी पोर्टफोलियो का एक हिस्सा, एईएसएल, एक बहुआयामी संगठन है जो एनर्जी डोमेन के जैसे पावर ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन, स्मार्ट मीटरिंग और कूलिंग समाधानों में अपनी उपस्थिति रखता है। एईएसएल देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है, जिसकी भारत के 14 राज्यों में उपस्थिति है और 20,000 सीकेएम और 53,000 एमवीए ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता का संचयी ट्रांसमिशन नेटवर्क है।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/બિનોદ/दधिबल

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