एसीएमई सोलर ने 150 मेगावाट हाइब्रिड सोलर परियोजना के लिए किया समझौता

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एसीएमई सोलर ने 150 मेगावाट हाइब्रिड सोलर परियोजना के लिए किया समझौता


एसीएमई सोलर ने 150 मेगावाट हाइब्रिड सोलर परियोजना के लिए किया समझौता


नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। एसीएमई सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड (एएसएचएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसके प्रोजेक्ट स्पेशल पर्पज व्हीकल एसीएमई प्लेटिनम ऊर्जा ने अपनी 150 मेगावाट हाइब्रिड सोलर क्षमता से बिजली की आपूर्ति के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ समझौता किया है।

कंपनी ने जारी एक बयान में कहा कि ये क्षमता सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के द्वारा एसीएमई सोलर होल्डिंग्स को दी गई कुल 350 मेगावाट क्षमता का हिस्सा है। एसीएमई सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड ने कहा कि इस परियोजना को एसीएमई प्लेटिनम ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा, जो इस उद्देश्य के लिए स्थापित एक विशेष-उद्देश्य वाहन है।

बयान के मुताबिक सीएमई सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड (एएसएचएल) ने अपने स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी), एसीएमई प्लेटिनम ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस (ईएसएस) के साथ एकीकृत 150 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता वाली हाइब्रिड प्रोजेक्‍ट के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ एक पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह परियोजना कर्नाटक के तुमकुर-II सबस्टेशन पर अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम से जुड़ी होगी, जिसके लिए कंपनी ने सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी के साथ कनेक्टिविटी के लिए आवेदन किया है। वहीं, एएसएचएल एक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने का का प्रस्ताव कर रही है। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 2 जुलाई, 2024 को इसके लिए मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) भी दाखिल किया है, ताकि अपने इक्विटी शेयरों की पेशकश कर सके। हालांकि, ये अपेक्षित अनुमोदन और अन्य विचारों की प्राप्ति के अधीन है।

उल्‍लेखनीय है कि एसीएमई समूह के अक्षय ऊर्जा व्यवसाय को समेकित करने के लिए 2015 में स्‍थापित इस कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं से अपने पोर्टफोलियो को विविधतापूर्ण और विस्तारित किया है। यह भारत में एक एकीकृत अक्षय ऊर्जा कंपनी बन गई है। कंपनी उपयोगिता पैमाने पर अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास, निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रख-रखाव करती है। साथ ही यह केंद्र और राज्य सरकार समर्थित संस्थाओं सहित विभिन्न ऑफ-टेकर्स को बिजली की बिक्री के माध्यम से राजस्व उत्पन्न करती है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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