रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय एमपीसी बैठक 28-30 सितंबर के बीच

रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय एमपीसी बैठक 28-30 सितंबर के बीच


अगली समीक्षा बैठक में ब्याज दर यानी रेपो रेट में हो सकती है 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी

नई दिल्ली, 22 सितंबर (हि.स)। अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़ने और फेडरल रिजर्व तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दरों में वृद्धि के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नीतिगत दर में फिर इजाफा तय माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई इस महीने के अंत में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की होने वाली समीक्षा बैठक में ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।

विश्लेषकों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रिजर्व बैंक एमपीसी की अगली बैठक में मौजूदा घरेलू और वैश्विक हालात के मद्देनजर ब्याज दर में एक बार फिर इजाफा कर सकता है। इसकी वजह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में 0.75 फीसदी और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने प्रमुख ब्याज दर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 फीसदी के स्तर पर आना बताया है।

आरबीआई कैलेंडर के मुताबिक एमपीसी की प्रस्तावित तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 28-30 सितंबर के बीच होने वाली है। इससे पहले एसबीआई ने भी अपने अनुमान में कहा था कि पिछली दो बार की तरह महंगाई से निजात पाने के लिए आरबीआई इस बार भी नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी करेगा।

उल्लेखनीय है कि मौद्रिक नीति में सख्ती के वैश्विक ट्रेंड के मद्देनजर आरबीआई ने अब तक रेपो रेट में तीन बार 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है, जो बढ़कर 5.40 फीसदी के स्तर पर है। दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए नीतिगत दरों में इजाफा किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश/सुनीत

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