जीएसटी मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच एक दिसंबर से करेगा सीसीआई

जीएसटी मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच एक दिसंबर से करेगा सीसीआई


नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक दिसंबर से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) करेगा। इससे पहले इस तरह की शिकायतों का निपटारा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) करता था। केंद्र सरकार ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर से 23 नवंबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक जीएसटी मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक दिसंबर से सीसीआई करेगा। दरअसल वर्तमान में कंपनियों के जीएसटी दर में कटौती का लाभ नहीं देने संबंधी उपभोक्ताओं की शिकायतों की जांच मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) करता है। डीजीएपी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट एनएए को देता है। इसके बाद एनएए इन शिकायतों पर अंतिम निर्णय लेता है।

सीबीआईसी के मुताबिक एनएए का कार्यकाल इस महीने समाप्त होने वाला है। अब नई अधिसूचना के मुताबिक एनएए के कामकाज को एक दिसंबर से सीसीआई को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत डीजीएपी अपनी रिपोर्ट सीसीआई को देगा, जो उन पर फैसला सुनाएगा। जीएसटी मुनाफाखोरी से संबंधित शिकायतों से निपटने के लिए सीसीआई में एक अलग खंड की स्थापना की जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि एनएए की स्थापना जीएसटी कानून की धारा 171ए के तहत नवंबर 2017 में 2019 तक दो साल के लिए की गई थी। इसके बाद एनएए का कार्यकाल नवंबर 2021 तक दो साल के लिए बढ़ाया गया। जीएसटी परिषद ने पिछले साल सितंबर में फिर एनएए का कार्यकाल और एक साल के लिए बढ़ाकर 30 नवंबर 2022 कर दिया। इसके बाद इसका सारा कामकाज सीसीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर

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