ट्विटर को भारत में कानून का पालन करना चाहिए : मस्क


शुक्रवार की देर रात अमेरिका में डेलावेयर कोर्ट में दायर माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक काउंटर सूट में, मस्क ने कहा कि 44 अरब डॉलर के ट्विटर अधिग्रहण सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके साथ धोखा हुआ है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर केट कांगर ने ट्वीट किया, जुलाई में, ट्विटर ने कंटेंट को हटाने और दर्जनों खातों को ब्लॉक करने के मामले में चुनौती देने के लिए भारत सरकार पर मुकदमा दायर किया।
कांगर ने कहा, मस्क ने इसे मुद्दा बनाया, यह कहते हुए कि यह ट्विटर के सबसे बड़े बाजारों में से एक को खतरे में डालता है और ये बताता है कि ट्विटर को भारत में स्थानीय कानून का पालन करना चाहिए।
ट्विटर ने आखिरी बार अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ कंटेंट को हटाने के भारत सरकार के आदेश के खिलाफ इस आधार पर कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था कि आईटी मंत्रालय से कंटेंट हटाने के आदेश आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत सही नहीं हैं।
ट्विटर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि कंटेंट हटाने का आदेश मनमाना है।
मस्क ने कहा कि 2021 में, भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कुछ नियम लागू किए, जिससे सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने, सूचना की पहचान करने और उन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिली जिन्होंने अनुपालन करने से इनकार कर दिया।
मस्क ने कहा कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को उन देशों के कानूनों का सम्मान करना चाहिए जहां ट्विटर चलता है।
ट्विटर ने मस्क के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, भारत में अदालती कार्रवाई दूसरे देशों में इसी तरह की कार्रवाई से प्रेरित है।
--आईएएनएस
एसकेके/एसकेपी
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